Hanuman Chalisa Hindi Mein: प्राचीन काल से ही भारत देश के साथ-साथ कई सारे देशों में हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जाता है |
क्योंकि ऋषि मुनियों के द्वारा यह बताया गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ पड़ता है उसे व्यक्ति पर हनुमान जी की कृपा बनी रहती है|
श्री हनुमान चालीसा दोहा: श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि। जब आप इस दोहा को दिन में एक या दो बार पढ़ते हैं तो आप पर भगवान श्री हनुमान जी की कृपा बनी रहती है|
हर व्यक्ति हनुमान चालीसा को दिन में एक या दो बार या इससे भी अधिक बार पढ़ सकता है | क्योंकि हनुमान चालीसा में यह लिखा हुआ है |
जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे व्यक्ति पर हनुमान जी के साथ-साथ भगवान श्री राम और भगवान शिव पार्वती की कृपा बनी रहती है|
कुछ वेदों के अनुसार यह माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर भगवान श्री राम की कृपा रहती है उसे व्यक्ति पर दुनिया के हर देवता की कृपा बनी रहती है |
यदि आपको हनुमान जी का साथ चाहिए तो आपको हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए|

वर्तमान समय में अधिकतर अपने पास हनुमान चालीसा की बुक नहीं रख पाते हैं क्योंकि वह अपने कार्यों में बहुत ज्यादा बिजी रहते हैं |
लेकिन आज के इस सोशल मीडिया के जमाने में आप हनुमान चालीसा अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप पर आसानी के साथ पढ़ सकते हैं|
इस लेख में हमारे द्वारा हनुमान चालीसा साझा की गई है | इसलिए मैं आपको हनुमान चालीसा दोहा और चौपाई पढ़ने को मिलेगी | यहां पर आप विस्तार के साथ हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं|
श्री हनुमान चालीसा दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
श्री हनुमान चालीसा चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
श्री हनुमान चालीसा दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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हनुमान चालीसा हिंदी PDF डाउनलोड
कई बार यह देखा गया है कि बहुत सारे व्यक्ति अपने काम को लेकर हनुमान चालीसा की बुक अपने घर पर ही भूल जाते हैं |
लेकिन आपको हनुमान चालीसा की बुक हर जगह नहीं ले जानी चाहिए क्योंकि आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में ही हनुमान चालीसा हिंदी पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं|

इस खंड में हमने आपके लिए श्री हनुमान चालीसा हिंदी पीडीएफ साझा की है जहां से आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में आसानी के साथ डाउनलोड कर सकते हैं और प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं ताकि आप पर भगवान श्री हनुमान की कृपा बनी रहे|
Hanuman Chalisa in pdf | PDF डाउनलोड |
श्री हनुमान चालीसा ओरिजिनल वीडियो
हनुमान जी के प्रभावशाली मंत्र
हनुमान जी का मूल मंत्र:- ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्|
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हनुमान जी का कवच मूल मंत्र
श्री हनुमंते नम:
शत्रु, रोग और भय नाश के लिए हनुमान मंत्र
ओम हं हनुमंताय नम:. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा.
मनोकामना पूर्ति हनुमान मंत्र
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये.
श्री हनुमान जी मंत्र जाप विधि
हमारे द्वारा साझा किए गए मंत्र प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों के द्वारा बताई गई है | भगवान श्री हनुमान जी एक रुद्रावतार हैं |
इसीलिए ऋषि मुनि यह बताते हैं कि इन मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला के द्वारा करना चाहिए | साथ ही मंत्र जाप में तन, मन और विचार की शुद्धता जरूर होनी चाहिए|
साथ ही सदैव सही मंत्र का उच्चारण करना चाहिए इन सभी मंत्र का जब हमें सदैव एकांत और शांत जगह पर करना चाहिए ताकि कोई व्यवधान ना हो सके|
प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों के द्वारा यह बताया गया है कि जो व्यक्ति मंगलवार को अपना व्रत रखता है |
उसे व्यक्ति को मंगलवार को व्रत के साथ श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए ऐसा करने से ही उसे व्यक्ति पर भगवान हनुमान जी की कृपा बनी रहती है|
श्री हनुमान चालीसा हिंदी में | Hanuman Chalisa Hindi Mein
Disclaimer: हमारे द्वारा साझा की गई सामग्री और सूचनाओं सामान्य मान्यताओं पर आधारित है | सामग्री की हमारी वेबसाइट कोई भी पुष्टि नहीं करती है |
इन सभी बातों पर अमल करने से पहले आपको ऋषि मुनियों या किसी विशेष व्यक्ति से संपर्क कर लेना चाहिए|
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